19 नवंबर 1917 में जन्मी इंदिरा का बचपन देश की राजनीति के इर्द-गिर्द ही बीता था। यही वजह थी कि उन्होंने इसकी बारिकियों को करीब से जाना समझा। इसकी बदौलत उन्हें आगे बढ़कर कड़े फैसले लेने की समझ भी विकसित हुई। उनके द्वारा लिए गए ये फैसले उनकी दमदार छवि को दिखाते हैं।
Tributes to our former PM Smt. Indira Gandhi Ji on her birth anniversary.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2019
हालांकि इस दमदार छवि के उलट उन्होंने जो आपातकाल का फैसला किया उसको हर तरफ विरोध हुआ। इसका नतीजा केंद्र में गैर कांग्रेसी सरकार का बनना था। हालांकि यह सरकार कुछ ही समय में गिर गई थी और देश की जनता ने दोबारा इंदिरा गांधी पर ही विश्वास जताया था।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई नेताओं ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर मंगलवार को नमन किया एवं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
Delhi: Congress Interim President Sonia Gandhi, Former Prime Minister Manmohan Singh and Former President Pranab Mukherjee pay floral tribute to Former Prime Minister Indira Gandhi on her birth anniversary. pic.twitter.com/AUuiYH12Dj
— ANI (@ANI) November 19, 2019
जिस वक्त दुनिया के ताकतवर देश भारत को लेकर धमकाने में जुटे थे उस वक्त इंदिरा गांधी ने न्यूक्यिलर टेस्ट कर दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया था। इस टेस्ट ने भारत को परमाणु ताकत के रूप में स्थापित किया था। हालांकि दुनिया के बड़े मुल्क इस हरकत से काफी खफा थे और भारत को उनके कड़े रुख का सामना करना पड़ा था। लेकिन इससे इंदिरा न तो घबराई और न ही विचलित हुईं। उन्होंने लगातार भारत को विकास के पथ पर अग्रसर रखा। उनके इस फैसले ने दुनिया को यह बता दिया था कि भारत अपने हित के लिए किसी भी कदम से पीछे नहीं हटने वाला है।
उन्हें कहीं न कहीं इस बात का अंदाज था कि उनके स्वर्ण मेंदिर में सेना भेजने के फैसले से सिख नाराज हो सकते हैं। 30 अक्टूबर को ओडिशा में दिए अपने आखिरी भाषण में जो शब्द कहे थे उससे कहीं न कहीं उन्हें इस बात का भी अंदाजा हो गया था कि उनकी हत्या हो सकती है। कहा तो यहां तक जाता है कि उनके पास में इसको लेकर खुफिया जानकारी तक थी कि उनके की सुरक्षाकर्मी उनकी जान के लिए खतरा बन सकते हैं। इतना ही नहीं उन्हें अपने सुरक्षाकर्मी बदलने तक की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसको मानने से इनकार कर दिया था।
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